बता दे कि, पकड़ा गया आरोपी ने जंघई रेलवे स्टेशन पर दोनों ट्रेनों में बम होने की झूठी सूचना कंट्रोल रूम को दी थी, जिसके बाद ट्रेनों को रोककर गहन तलाशी अभियान चलाया गया। इस घटनाक्रम से यात्रियों में भारी दहशत फैल गई और रेल संचालन भी बाधित हो गया। बाद में जांच में सूचना निराधार पाई गई और इस संबंध में वाराणसी कैंट जीआरपी में प्राथमिकी दर्ज की गई।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे प्रकाश डी., पुलिस उपमहानिरीक्षक रेलवे प्रयागराज राहुल राज और पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज प्रशांत वर्मा के निर्देश पर रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म और सर्कुलेटिंग एरिया में सुरक्षा बढ़ाने तथा अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा था। इसी क्रम में पुलिस उपाधीक्षक रेलवे वाराणसी कुँवर प्रभात सिंह के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक रजोल नागर, उपनिरीक्षक विनोद कुमार सरोज तथा उनकी टीम ने कार्रवाई की।
पुलिस की टेक्निकल सर्विलांस और गहन छानबीन के आधार पर आरोपी की पहचान राजेश शुक्ला पुत्र लालमनि शुक्ला, निवासी ग्राम दियांवा महादेव, थाना मछलीशहर, जनपद जौनपुर के रूप में हुई। वर्तमान में वह मुंबई के प्रतीक्षा नगर, कोलीबाड़ा इलाके में रह रहा था। आरोपी को रविवार को वाराणसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 10-11 के फुटओवर ब्रिज के पास से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के समय उसके पास वही मोबाइल फोन भी मिला, जिससे फर्जी कॉल की गई थी।
आरोपी राजेश शुक्ला के विरुद्ध अपराध संख्या 146/25 के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 353, 351(4) एवं 217(2) के तहत विधिक कार्रवाई करते हुए उसे न्यायालय भेजा गया।