जौनपुर ! 10 दिसंबर,विश्व मानवाधिकार दिवस हर वर्ष विश्व भर में मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है,क्योंकि 10 दिसंबर 1948 को ही फ्रांस के पेरिस शहर में संयुक्त राष्ट्र महासंघ द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। हिंदुस्तान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 1993 में हुई ,और इस के साथ ही हिंदुस्तान में भी हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
इसी क्रम में हिंदुस्तान मानवाधिकार द्वारा जिला कैंप कार्यालय में एक सेमिनार का आयोजन किया गया,जिस की अध्यक्षता दीवानी न्यायालय के पूर्व ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अब्बास हुसैन एहसास ने किया।
इस अवसर पर हिंदुस्तान मानवाधिकार के राष्ट्रीय महासचिव एवं मिशन रिमूव करप्शन के संचालक वकार हुसैन ने देश भर में मानवाधिकार के प्रति बढ़ते उल्लंघन पर चिंता व्यक्ता किया।
श्री हुसैन ने कहा ,, आज मानवाधिकार उल्लंघन का सब से बड़ा कारण देश भर में व्याप्त भ्रष्टाचार है। एक पुलिस ही क्या ,कोई विभाग हद तो यह है कि अब तो न्यायालय तक करप्शन से सुरक्षित नहीं रह गया है।
इस अवसर पर सेमिनार को संबोधित करते हुए डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल जनपद न्यायालय जौनपुर एवं पूर्व जूरीजज डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा,,मानवाधिकार के सार्वभौमिक अधिकार है,जो प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से मृत्यु तक प्राप्त होते हैं । इस अधिकार में जाति,धर्म, लिंग और सीमाएं देश विदेश बाधित नहीं होती हैं,जिस में जीने का अधिकार,स्वतंत्रता का अधिकार,अभिव्यक्त का अधिकार,अपनी सुरक्षा आदि सम्मिलित हैं।
सेमिनार की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी एवं पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व प्रबंधक ज्ञान कुमार ने किया ,कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो चीफ एवं हिंदुस्तान मानवाधिकार के मीडिया प्रभारी हसनैन क़मर दीपू ने किया।
सेमिनार में संस्था के जिला महा सचिव डॉ
नौशाद अली
मिंटू ,मानवाधिकार के विधि सलाहकार एडवोकेट सकलैन हैदर
पूनम विश्वकर्मा,गवर्मेंट कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता सूबेदार यादव,शिवानंद यादव और संस्था के प्रेस विज्ञप्ति प्रभारी नौशाद अली आदि सम्मिलित रहे।

