सलमान शेख की बेहतरीन प्रस्तुति से पूर्व फौजी भी झूम उठे!
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कैलाश सिंह/रुद्र प्रताप सिंह
तहलका न्यूज नेटवर्क
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जौनपुरl स्थान कन्धरपुर गांव का साल्वेशन अस्पताल परिसर, दिन बुधवार, कार्यक्रम 'साल्वेशन की शाम- सेना के नाम',माहौल:पूर्व ब्रिगेडियर से लेकर सूबेदार और रिटायर्ड जवानों व जनपद के विभिन्न प्रोफेशन से जुड़े सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में सेना के प्रति सम्मानl जब डॉ विवेक श्रीवास्तव के सुपुत्र 'दर्श' ने भगवान श्रीकृष्ण का वर्णन अपनी कुछ पंक्तियों में किया तो दर्शक 'श्री कृष्ण' के विराट स्वरूप और भक्तिभाव में ओत- प्रोत नज़र आयेl इससे पहले स्टेज पर चल रहे 'वीर रस' के गीत - संगीत के साथ एंकर व अदाकार सलमान शेख की टीम के लघु नाटक प्रस्तुति से दर्शक सराबोर थेl बाद में दो दर्जन पूर्व सैनिकों और मीडिया के लोगों के सम्मान कार्यक्रम देर रात तक चलते रहेl
दरअसल सलमान शेख की एंकरिंग का कायल तो समूचा जनपद पहले से है, लेकिन 'कारगिल युद्ध की थीम' के तहत एक सैनिक के विरह में उसकी पत्नी के चेहरे का भाव किस तरह बदल रहा है, इसका प्रदर्शन अदाकारा पल्लवी ने बखूबी निभायाl शहीद' होने तक फौज से लेकर सैनिक के घर तक शव यात्रा और उनकी पत्नी की वेदना' के वर्णन की प्रस्तुति देख सबकी आँखें छलक पड़ींl सैनिक की पत्नी का शानदार अभिनय पल्लवी ने किया, उनके करुण रुदन से शोर थम सा गयाl स्टेज के इस लघु नाटक और घर से आई चिट्ठी को लेकर यूनिट के साथियों की हँसी- ठिठोली और सैनिक के शहीद होने तक स्टेज का समूचा कार्यक्रम और बदलता दृश्य दर्शकों को बांधे रखाl
सलमान शेख के बारे में बस इतना ही लोग जानते हैं कि वह सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अर्गनाइजर व एंकरिंग करते हैं, लेकिन आठ अक्टूबर की शाम साल्वेशन अस्पताल परिसर के स्टेज पर जब उन्होंने सेना की वर्दी में एक सैनिक की भूमिका निभाई तो दर्शक खुद को कारगिल के मैदान में महसूस करने लगेl हर किसी के चेहरे पर राष्ट्रीयता झलक रही थी, जुबान से वन्दे मातरम् और भारत माता के जयकारे लगते रहेl इस दौरान पूर्व फौजी तो सिविल ड्रेस में थे लेकिन कलाकारों की टीम सेना की वर्दी सरीखे ड्रेस में थीl कई दृश्य के रूपांतरण पर दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गएl
कहानी शुरू होती है जब एक सैनिक जो छुट्टियां लेकर घर आता है तो उसकी नव विवाहिता किस तरह उसपर अपना प्रेम निछावर करती है, अदाकारा पल्लवी द्वारा विरह वेदना का भाव सांकेतिक रूप से प्रदर्शित किया जाता हैl जब एक ही दिन बाद सैनिक को उसकी सेना की कमान से आपात बुलावा आता है तो यह जोड़ा कैसे बिछड़ता है! फ़िर तो युद्ध मैदान से शहीद का सम्मानित शव लेकर सैनिक घर पहुँचते हैं और दृश्य 'करुणा के सागर' में तब्दील नज़र आयाl इसमें सलमान शेख और उनकी टीम की यह बेहतरीन प्रस्तुति मौजूद दर्शकों के दिल में सीधे उतर गईl इस दौरान, धर्म, भाषा, लिंग और जाति- भेद सब मिटा नज़र आयाl सबके मन में राष्ट्रीयता से लबरेज इस कार्यक्रम में शामिल होने की खुशी उनके चेहरों से झलक रही थीl