पैसे पर जोंक सरीखे चिपकता है पुरोहित गैंग, लीडर समेत कई शिक्षक हैं टीम के मेम्बर
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-दो दशक पूर्व जौनपुर के तत्कालीन डीएम ने पुरोहित गैंग के वर्तमान लीडर के तैनाती स्थल प्राथमिक विद्यालय पर रोज लगवाई हाजिरी, उनके तबादले के बाद हाजिरी रजिस्टर लेकर हेड मास्टर आने लगे शिक्षक के घर, अब तो मोबाइल से हाजिरी का काम हुआ आसान, इसीलिए थम्ब इम्प्रेशन का शिक्षकों ने किया था विरोध l
-इस कथानक में दिया जा रहा पात्र शिक्षक के अलावा है बहुधन्धी, लेकिन इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश की लचर प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के लिए है बानगी l शिक्षा विभाग के आधिकारी शासन से लेकर जिलाधिकारियों को रखते हैं अंधेरे में, खुद ऐसे शिक्षकों के वेतन से लेते हैं हफ़्ते के रूप में हिस्सेदारीl
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-कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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वाराणसी/लखनऊ,(तहलका 24x7/ डान एक्सप्रेस)l देश के हर राज्य से अधिक वेतन उत्तर प्रदेश के प्राथमिक से लेकर डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को मिलते हैं लेकिन यहां की बुनियाद यानी बेसिक स्कूलों में जाने वाले अधिकतर शिक्षक मिड डे मील, पुस्तकों, कॉपी, बस्ता आदि में उलझ जाते हैं क्योंकि पढ़ने वाले बच्चे पंजीकृत ही नहीं होते, हालांकि मिड डे मील के लिए गिनती काफी मिल जाती है, इसके लिए दूसरे प्राइवेट स्कूलों से गठबन्धन होता हैl खैर हम बात कर रहे हैं उन शिक्षकों की जो स्कूल गए बिना 50 हजार से अधिक वेतन उठा रहे हैं तो इसमें नुकसान सरकार का और बच्चों के भविष्य का होता है l फायदा शिक्षा अधिकारियों और उन शिक्षकों का होता है जो पढ़ाने की बजाय अन्य धंधों में लिप्त होते हैं l
यहां हम जौनपुर के एक शिक्षक की बानगी दे रहे हैं जो प्रदेश भर के लिए नज़ीर है l वह दो दशक से शिक्षा विभाग को तगड़ा चूना लगा रहा है, इसमें सहयोगी बना है शिक्षा विभाग का जिम्मेदार अधिकारी जो जिले के डीएम से लेकर प्रदेश की राजधानी तक महकमे के बड़े नौकरशाह को भी अंधेरे में रखे हुए है l ऐसा केस प्रदेश के हर जिले में कई होंगे लेकिन जौनपुर जैसा यह अजूबा कहीं अन्य नहीं मिलेगा l
जौनपुर में पुरोहित गैंग तो हाल ही में बना है l इस गैंग का हर मेम्बर निराला है l इस रिंग का मास्टर दरअसल दो दशक पूर्व से बेसिक स्कूल का शिक्षक है l 2002 में तत्कालीन डीएम राजन शुक्ल ने इस मास्टर की हाजिरी स्कूल में रोज लगवाई, तब यह मास्टर विभिन्न अखबारों में जुगाड़ू पत्रकार हुआ करता थाl विज्ञापन विभाग में काम करते हुए इसे नेताओं का सिर मूड़ने का आईडिया आया तो फ्लैक्स प्रिंटिंग मशीन लगा ली, साथ में हमजातीय संगठन का साइलेंट मुखिया बन बैठा l इसके स्कूल के हेड मास्टर रजिस्टर लेकर घर आने लगे, उसपर वह दर्जन भर अलग पेन से दस्तखत कर देता रहा l अब मोबाइल से हाजिरी आसान हो गई l यदि थम्ब इम्प्रेशन लागू हुआ होता तो ऐसे शिक्षकों को कठिनाई होती l अब बीएसए ऑफिस की सेटिंग राजधानी पर भी भारी पड़ती हैl
नगर पालिका, प्रशासन के टेंडर तो इसने फ्लैक्स होर्डिंग लगाने के लिए अधिकारियों से लेनदेन और दबाव में अपनी तरफ़ मोड़ लिया फ़िर इसकी नज़र चुनाव जीत चुके नेताओं पर पड़ी l इसने जिनके बैनर बनाए वह फ़िर कभी नहीं जीताl इस गिरोह ने हमजातीय नेताओं पर डोरे डालने शुरू किए तो वह भी एक- एक करके निबटते रहे, फ़िर हाल के दशक में मुंबइया नेताओं का चुनावी सीजनल दौर शुरू हुआ तब तक यह गैंग विजातीय मेंबरों के शामिल होने से बड़ा आकार ले चुका था l
पैसे के बल पर जौनपुर में विधान सभा, लोक सभा चुनाव मैदान में ताल ठोंकने आये कथित नेता इस गैंग के जाल में फंसते और सिर मुंडवाकर बैक होते रहे l इस बीच पुरोहित गैंग नए कलेवर में आ गया l इस गैंग का कथित लीडर एक कथित पत्रकार संघ का महामन्त्री होने के चलते अपने नए अध्यक्ष को भी गैंग में शपथ दिला दिया l यह अलग बात है कि अध्यक्ष किसी भी अखबार से जिला प्रतिनिधि का तमगा खरीद लेता है लेकिन उसका लेखन से कोई वास्ता कभी नहीं रहा, वह तो सूदखोरी में जन्मा और भू- माफ़िया बन बैठा l एक बार यह गोरखपुर जेल की हवा भी खा चुका है l
पुरोहित गैंग का कथित मुनीम भी शहर के एक इंटर कॉलेज में शिक्षक है l एक साल पूर्व यह उसी विद्यालय की नाबालिग लड़की से छेड़खानी में शहर कोतवाली के लॉकअप में घंटों बैठा रहा, तब इसके छूटने में काम आया पत्रकार वाला तमगाl
यह गिरोह जिसे नेता बनाने को ट्रैप करता है उसे पहले अपने मसाज पार्लर में ले जाकर थकान मिटाने की व्यवस्था करता है l यहीं से वह कथित धन कुबेर इसी गिरोह पर निर्भर हो जाता हैl उसके नजदीकियों को गिरोह में शामिल करके वैधानिक तरीके से लूटा जाता है l वह व्यक्ति किसी अन्य प्रोफेशनल पत्रकार से मिलने या बात करने के लिए भी गिरोह पर निर्भर होता हैl
इस गिरोह की लाइसेंस से ट्रैवल में चलने वाली गाडियाँ अब प्राइवेट टैक्सी बन चुकी हैं l इनकी ड्यूटी काल गर्ल या मसाज लेने वाले उन शौकीनों को ढोने में लगती हैं जो लाखों का भुगतान करते हैं l इस तरह की पार्टी के खानपान और होटल की व्यवस्था यही गिरोह करता है l इस जिले में पर्यटक कम आते हैं लिहाजा अधिकतर होटल एक घंटे के एक हजार की बुकिंग पर चलते हैं l इसका विस्तृत अगले एपिशोड में,,,,,,, क्रमशः
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