सिंधु जल समझौते का स्थगन ही आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का शंखनाद!
----------------------------------------
-दहशत में जी रहे पाकिस्तान को कश्मीर घाटी के पहलगाम की आतंकी घटना का नहीं सूझ रहा जवाब, परमाणु बम की परोक्ष धमकी के बाद बन्द किया एयर स्पेश, वहां के सिंध और पंजाब प्रांत में अलग से हो रहा गृह युद्धl
-मोदी सरकार के गृह मंत्रालय को दोबारा प्रांतीय सरकारों को निर्देश जारी करना पड़ा कि- वे अपने राज्यों से उन पाक नागरिकों का पता लगाकर उनके देश वापस भेजें जो बीजा लेकर आये और तमाम यहीं अवैध रूप से बस गए, जाहिर है वोट की राजनीति करने वाले कुछ प्रांत कर रहे ढिलाई: स्वामी चिन्मयानंदl
----------------------------------------
कैलाश सिंह-
राजनीतिक संपादक
----------------------------------------
लखनऊ/दिल्ली, (तहलका न्यूज नेटवर्क)l जिस तरह गेहूं के खेत- खलिहान में लगे चूहे को निकालकर मारने के लिए किसान उनकी बिल में पानी डालते हैं, ठीक उसी तर्ज पर किंतु इसके विपरीत भारत सरकार ने आतंकियों का ठिकाना बने पाकिस्तान को सिंधु जल समझौता स्थगित करके बे- पानी कर दियाl तल्ख मौसम और बढ़ते तापमान में अब पाक का गला सूखने लगा है और वह बिन पानी की मछली सरीखे बिलबिलाने लगा हैl
दरअसल कश्मीर घाटी के पहलगाम में धर्म पूछकर बेगुनाह नागरिकों को मारने वाले आतंकियों ने अपने ठिकाने का पता 'पाकिस्तान' और अपना धर्म इस्लाम बता दियाl उसकी पुष्टि पाक आर्मी के जनरल ने वहां के पीएम की मौजूदगी में मीडिया प्लेटफार्म पर अपना बयान देकर कर दिया था, बाद में इसकी गंभीरता देख वहां के कथित नेता और जनरल बयान बदलने लगेl जब मोदी सरकार ने ''छद्म युद्ध' के पुराने किंतु बेहतरीन तरीके का इस्तेमाल करते हुए 'सिंधु जल समझौता' को स्थगित करते हुए कूटनीतिक वार शुरू किया और अपने देश से पाक नागिरिकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया तो भारत में रह रहे 'पाकिस्तान परस्त' भी बिलबिलाने लगेl इनमें कुछ मीडिया, राजनीतिक दल या विभिन्न क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाने वालों में से कोई भी अपने क्रिया- कलाप से संदेह के घेरे में आ जाए तो हैरत नहीं होनी चाहिए l
पहलगाम नरसंहार को लेकर दुनिया के देशों का भारत को समर्थन और अपने देश की जनता में 'गम और गुस्सा' उबाल मार रहा हैl मोदी सरकार से आमजन की अपेक्षा है- आतंकवाद को शीघ्र जड़ से खत्म किया जाए, वहीं राष्ट्र विरोधी धर्मनिरपेक्षता का लबादा ओढ़कर पाकिस्तान को सही ठहराने में लगे लोग यह साबित करने में लगे हैं कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होताl इस तरह भारत में दशकों से चल रहा 'अपरोक्ष धर्म युद्ध' अब सतह पर आकर छटपटाने लगा हैl
देश के गृह मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों के लिए पाक नागरिकों को तलाशकर बाहर करने को लेकर दोबारा जारी की गई एडवाइजरी अथवा निर्देश के मद्देनजर 'तहलका संवाद' से हुई विशेष बातचीत में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं अयोध्या मामलों के अगुआ रहे स्वामी चिन्मयानंद ने बेबाक अंदाज़ में कहा कि- हर राज्य के मुखिया गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जैसा नहीं हो सकता हैl पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरीखे कुछ राज्यों के मुखिया अथवा उनके दल वोट के लिए तुष्टिकरण में लगे हैंl इनमें पश्चिम बंगाल को बानगी के तौर पर देखना गलत नहीं होगाl वहां वक़्फ़ विधेयक को लेकर मुर्शिदाबाद और चौबीस परगना में जिस तरह मारकाट मची है उसे ताज़ा उदाहरण माना जा सकता हैl इस तरह के घटनाक्रम वर्षों से वहां चल रहे हैंl
स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरीखे अन्य राज्यों से भी क्विक रिस्पांस नहीं मिलने पर ही गृह मंत्रालय ने दोबारा एडवाइजरी भेजी ताकि अपने देश से पाकिस्तान के नागरिक पहले बाहर हो जाएं तब बचे हुए स्लीपर सेल की तलाश हमारी सेना या पुलिस फोर्स करेl घटना के बाद से दुनिया के तमाम देश हमारे साथ आ गए हैं लेकिन भारत में ही 'पाक परस्त' मानसिकता वालों से भी सरकार को लड़ना पड़ रहा है जिसकी बानगी पहलगाम की घटना से मिली हैl भारत सरकार विश्व बिरादरी में पाकिस्तान को कोई मौका नहीं देना चाहती हैl यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने डेढ़ हजार से ज्यादा पाक नागरिकों को तलाश कर बाहर किया तो यहां के हर थाने में वीजा पर आये और यहीं बस गए लोगों की जानकारी रजिस्टर में दर्ज होती है, उनकी खोज शुरू कराई हैl इसी तरह हर राज्य कर सकते हैं लेकिन उन्हें तुष्टिकरण से बाहर आना होगाl रहा सवाल सिंधु जल समझौते का तो उसमें विश्व बैंक के पास दोनों देशों के एक साथ जाने पर ही ताजा तस्वीर में नरमी सम्भावित है, जबकि भारत नहीं जाएगा l अब तक हमारी सरकार की तरफ़ से पाकिस्तान को 'नियमित जल छोड़ने का डाटा' दिया जाता रहा है जिसे समझौता स्थगन के बाद बंद कर दिया गया हैl पहलगाम की घटना बांग्लादेश में तख्ता पलट के दौरान शुरू हुई बर्बरता सरीखी है,जैसे यहां धर्म पूछकर और कपड़े उतारकर गोली मारी गई, उसी तरीके से बांग्लादेश में होता आ रहा है, इसलिए यह मानकर चलना चाहिए कि जेहाद का दायरा बांग्लादेश से चलते हुए कश्मीर तक ही नहीं सिमटा है बल्कि यह पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद और चौबीस परगना से आगे बढ़ते हुए भारत के विभिन्न राज्यों की तरफ़ अग्रसर हैl इस मामले में भारत सरकार को गंभीरता से कदम उठाने होंगेl
No comments: