पूर्वांचल के मेदांता रूपी 'साल्वेशन अस्पताल' में आठ को 21 फौजी होंगे सम्मानित
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-वर्ष 2020 के मार्च महीने में नवरात्र के दौरान अस्तित्व में आया एक मां का अपनी दिवंगत पौत्री के लिए देखा गया स्वप्न, अब पांच साल बाद आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पूर्वांचल के मेदांता रूपी साल्वेशन हास्पिटल में अब एक्स आर्मी जवानों का होगा मुफ़्त इलाज.
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कैलाश सिंह/रुद्र प्रताप सिंह
तहलका न्यूज नेटवर्क
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वाराणसी/ जौनपुर, (टीएनएन)l पांच वर्षीय 'साल्वी' नाम की एक मासूम बालिका की अचनाक मौत से उसके मां- बाप और परिवार तो व्यथित था ही, लेकिन अधिक लगाव के चलते उसकी दादी श्रीमती सरोज श्रीवास्तव महीनों सदमें से नहीं उबर सकींl दो बेटों और बहुओं की सेवा से जब वह सामान्य हुईं तो उनके जेहन में मासूम पौत्री 'साल्वी' को लेकर गूंजता स्वप्न 'साल्वेशन फाउंडेशन' रूपी संकल्प के रूप में बाहर आयाl उन्होंने बड़े बेटे प्रतीक जो एक कम्पनी में मैनेजर रहे और छोटे बेटे डॉ विवेक जो एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुके थे, और दोनों बहुओं रुचि व डॉ प्रियंका के सामने अपना संकल्प रख दियाl कहा कि इसकी स्थापना कन्धरपुर गांव की हमारी पैत्रिक ज़मीन पर होनी चाहिए ताकि अति गरीबों की सेवा हो सकेl अब वही संकल्प पांच साल का हो चुका है, जहां आठ अक्टूबर को जौनपुर के उन रिटायर्ड फौजियों को सम्मानित किया जाएगा जो कई युद्धों में हिस्सा लेकर खुद को जांबाज़ साबित कर चुके हैंl इनमें एक दर्जन मेडल प्राप्त करने वाले कैप्टन वीपी सिंह भी शामिल हैंl माँ की मंशा के अनुरूप हर मंगलवार को अस्पताल परिसर में 'रामायण के सुंदर कांड' का पाठ होता हैl फ़िर भी यह अस्पताल 'सर्व धर्म समभाव' के पैमाने पर संचालित होता हैl यहां बग़ैर आयुष्मान कार्ड वाले अति गरीबों का मुफ़्त उपचार और पत्रकारों के लिए राहत उपचार की व्यवस्था बनाई जा रही है।
दरअसल आठ अक्टूबर को रिटायर्ड फौजियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में सैनिकों और उनके परिवार के मुफ़्त इलाज के लिए शासन से स्वीकृत 'कंट्रीव्यूटी हेल्थ स्कीम' भी लागू हो जाएगीl इसी के तहत समारोह को 'साल्वेशन की शाम- सेना के नाम' किया गया हैl लगभग तीन एकड़ में फैले इस अस्पताल में आपात सेवा के अलावा सर्जरी और ओपीडी के साथ हर बीमारी की जांच व इलाज के लिए अलग -अलग विभाग (विंग) भी स्थापित की जा रही हैl फिलहाल तो आनकाल डॉक्टरों की उपलब्धता पर काम चल रहा है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मालशॉप की तर्ज पर किसी मरीज को अन्यत्र रेफर करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, क्योंकि हर डिजीज के स्पेशलिस्ट यहां 24 घंटे मौजूद मिलेंगेl हालांकि वर्तमान में एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञ अपनी सेवाएं दे रहे हैंl यानी लखनऊ- वाराणसी फोरलेन से सटे गांव कन्धरपुर में देश- प्रदेश की राजधानी वाले कार्पोरेट अस्पतालों मेदांता, फोर्टीज जैसी सेवाएं पूर्वांचल के जौनपुर मिल रही हैंl
पूर्वांचल और जनपद का स्याह पक्ष:- जौनपुर की तरह प्रदेश के अधिकतर जिलों में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अपने कार्य में ईमानदारी से परहेज रखते हैंl यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों की छोटी- बड़ी बाज़ारों में खुले थोक और फुटकर मेडिकल स्टोर्स भी क्लीनिक सरीखे संचालित हैंl इसकी हर तरह की बानगी जौनपुर में मौजूद हैl यहां मुख्यालय के शहर में जंक्शन से सिटी स्टेशन रोड और सिपाह से कलीचाबाद तक लगभग 350 निजी अस्पताल, पैथालाजी और क्लीनिक हैंl इनमें तमाम नर्सिंगहोम्स तो सरकारी अस्पतालों से मरीजों को बर्गलाकार लाने के लिए 'पेड दलाल' छोड़ रखे हैंl सबसे ज्यादा कमीशन का खेल तो नकली और निजी एमआरपी वाली व प्रतिबन्धित दवाओं पर चल रहा हैl 90 फीसदी निजी अस्पतालों, कथित ट्रामा सेंटर्स पर वाहन खड़े करने को स्टैंड और तीमारदारों के बैठने की जगह तक नहीं हैl
इसी तरह 'मेडिकल हब और कथित इंसानी स्लाटर हाउस' के नाम से कुख्यात नईगंज में तो इलाज के नाम पर हालत बदतर हो चली हैl यही वह स्थान है जहां मोबाइल ऑपरेशन थियेटर को कथित तकनीशियन संचालित करते हैंl न्यूरो के कथित स्पेशलिस्ट कैमरे से देखकर हर मरीज को भर्ती करके 25 हजार जमा कराते हैं, फ़िर वार्ड ब्वाय और नर्स गाज पट्टी और इंजेक्शन लेकर दौड़ते हैंl तीमारदारों के वाहन शहर से गुजरे हाइवे जाम के कारण बनते हैं l इनके अस्पताल गुमटी और खोमचे को भी मात करते हैंl पिछले हफ़्ते यहीं के ट्यूलिप अस्पताल में एक महिला जेनरेटर से सटे रखे पानी वाले फ्रीजर से बोतल भरने गई और करंट की चपेट में आकर जान गवां बैठीl यहां एक ही भवन की हर मन्जिल पर तीन अस्पताल संचालित होने का भी रिकार्ड कायम हो रहा हैl इसी तरह सिटी स्टेशन रोड पर एक एक कम्पाउंडर ने असम, झारखंड से 35 लाख में डिग्री खरीदा और जिले के पूर्व सीएमओ को पटाकर यूपी में प्रैक्टिस का लाइसेंस हासिल कर लिया, अब वह हर दिन दर्जनों मरीजों में बीमारी बांट रहा हैl,,,, क्रमशः