राजनीतिक विडम्बना
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-जौनपुर संसदीय सीट पाने के लिए दिल्ली से तीर चलाये जा रहे, समूचा जीवन संघ और भाजपा के नाम करने वालों को निष्ठा साबित करनी पड़ रही
-भाजपा में अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, 2024 के इस चुनाव में तीन फेज बीतने के बाद एन डी ए पर भारी पड़ता नज़र आता दिखने लगा इंडिया गठबंधन
- जौनपुर एक बानगी-श्रीकला धनंजय सिंह के चुनाव से बाहर करने के बाद भी भाजपा को नुकसान बरकरार, सपा गठबंधन विनर की तरह आगे बढ़ रहा
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कैलाश सिंह
जौनपुर l पूर्व विधायक, विधार्थी परिषद से छात्र जीवन में राजनीति की शुरुआत करने वाले और इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले राष्ट्र रक्षक सेनानी सुरेंद्र प्रताप सिंह जनपद में ईमानदारी के प्रतीक उसी तरह हैं जैसे प्रदेश में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ हैं l ऐसे व्यक्ति को भाजपा में अपनी निष्ठा साबित करनी पड़ गई l वह आमतौर पर सोशल साइट के प्लेटफार्म फेसबुक का उपयोग नहीं के बराबर करते हैं लेकिन उन्होंने बीते कल में लिखा की मैने कहाँ वोट मांगे और कितनी सभाओं, नुक्कड़ बैठकों, कितने घरों और गावों तक दौरान किए l उनकी लिखी बात का स्क्रीन शॉट की तस्वीर मेरी रिपोर्ट में लगी है l मुझे यह रिपोर्ट इसलिए लिखनी पड़ी क्योंकि सबसे पहले जब भाजपा ने प्रत्याशी उतारा तो पार्टी के हर पदाधिकारी के चेहरे पर शोक की लहर दौड़ गई l यहाँ से संगठन से जुड़े ढाई दर्जन लोग टिकट के लिए कतार में लगे थे लेकिन भाजपा हाई कमान ने पैराशूट से उस उम्मीदवार को उतारा जो दागी होने पर कांग्रेस से निकाला गया था ये बात भी टिकट फाइनल होने के बाद पार्टी संगठन के तमाम लोग टिप्पणी मे करते मिले l इसके बाद पार्टी के लोगों के खिलाफ शिकायतों का दौर शुरू हुआ तो हाई कमान ने दिल्ली से भेजे पदाधिकारी के जरिये जिले के दो विधायकों व जिले के कुछ और नेताओं को सचेत किया गया l इसके बाद से पार्टी में विद्रोह बढ़ता जा रहा, उसी कड़ी में पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह को सफाई देनी पड़ीl अब तो चुनाव को एक पखवाडा बचा है, "कोई लहर भी नहीं है उल्टे प्रत्याशी ने घर की उड़द भी झंगरा में डाल दिया l" अब तो? कौन बचायेl
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जौनपुर के वर्तमान चुनावी हालात
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श्रीकला धनंजय सिंह को चुनाव मैदान से हटाने के बाद भी भाजपा को फायदा की बजाय नुकसान होता दिख रहा है l जौनपुर सीट से यह रिपोर्ट पतीले के चावल की तरह एक बानगी है l यहाँ इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी दागी होने के बावजूद भाजपा पर और भारी पड़ रहा है l वह इस बात पर खुश है कि श्रीकला धनंजय के हटने से मुस्लिम जो 50 फीसदी उससे कट रहा था वह अब एकतरफा मिलेगा l जाहिर है यदि श्रीकला धनंजय भाजपा में आये भी तो इस वोट को नहीं तोड़ पाएंगे, मौर्या भाजपा से पहले ही किनारा कर चुके हैं l
इसके अलावा बसपा यादव वोट बैंक को यहाँ तो नहीं हिला पाएगी l अदर बैकवर्ड की अन्य जातियाँ, पाल, पासी, पटेल और यहाँ के भाजपा प्रत्याशी व उनके कुछ रत्नों से बिदके क्षत्रिय व ब्रह्ममन भी दूसरे पाले में जाएंगे या फिर घर बैठेंगे l यही दशा भाजपा के अंदरखाने मची कलह से उसके वोटर भी कर सकते हैं l
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