सूदखोरी 3: सूदखोर कपड़ा व्यापारी कारपेंटर की जमीन हड़पने को धमकी वाला दबाव बढ़ाया
-कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाने वाले कपड़ा व्यापारी के दो लाख का 'सूद' चार साल में बढ़कर 38 लाख 49 हजार के पार हुआ l अब जमीन या रकम की मांग बढ़ी l
-डीएम को दिए शिकायती प्रार्थना पत्र पर अभी सुनवाई नहीं शुरू हुई लेकिन भू- माफ़िया के सुविधा शुल्क से पीड़ित कारपेंटर पर धमकी वाला दबाव बढ़ने लगा l
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-कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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जौनपुर/ लखनऊ, (तहलका विशेष)l 21 वीं सदी में एक तरफ़ व्यवसाय (बिजनेस) कॉर्पोरेट कल्चर में परवान चढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ़ 18 वीं सदी वाला 'भूमिगत अवैध व्यापार- सूदी कारोबार' आज भी कॉर्पोरेट को मात दे रहा है l वैसे तो यह देश के हर पिछड़े इलाकों में फलफूल रहा है लेकिन इसके बिना कर्मचारी वाले ऑफिस कोठियों से निकलकर दूसरे कारोबारी स्थल पर पहुँच गए हैंl इसकी बानगी जौनपुर की है, लेकिन यह धंधा प्रदेश के दूरस्थ गांवों और शहरों की मलिन बस्तियों तक फैला और बदस्तूर संचालित है l यह हर टैक्स से मुक्त भी है, इसे चलाने वाले व्यापारी ही नहीं, अच्छी सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी हैं l
जौनपुर की यह घटना जो 28 अक्टूबर को तब प्रकाश में आई जब थाना जफराबाद के गाँव बशीरपुर निवासी कारपेंटर लालजी विश्वकर्मा ने जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया l उसमें उसने खुद की पीड़ा दर्ज करते हुए अपनी कुल पांच बिस्वा जमीन का वर्तमान सर्किल रेट निर्धारित करने या लिए गए दो लाख का चार साल में हुए उचित व्याज के निर्धारित करने की गुहार लगाई है l
यह वाकया कोरोना काल में 20 मई 2020 का है जब पूरी दुनिया में इस आपदा को लेकर हाहाकार मचा था l उसी दौरान लालजी की बीमार बेटी के इलाज के लिए लाइन बाजार निवासी कपड़ा व्यापारी हरिकेश चौरसिया ने मदद के नाम पर दो लाख नकद देकर पीड़ित की खेती वाली कुल जमीन पांच बिस्वा का तीन साल के लिए महज पौने तीन लाख में एग्रीमेंट (मुहायदा) करा लियाl अशिक्षित लालजी को एग्रीमेंट की शर्तें भी नहीं बताई गईंl जब एग्रीमेंट की आवधि खत्म हो गई तो कारपेंटर के दोनों पुत्र दो लाख के बदले जुटाकर ब्याज सहित चार लाख वापस करने गए तो कपड़ा व्यापारी हरिकेश ने उन्हें 38 लाख 49 हजार का पर्चा थमाकर कहा कि एक महीने में अपनी जमीन की रजिस्ट्री करके बाकी 75 हजार लेकर किनारे हो जाओ या फ़िर उपर्युक्त रकम 38 लाख चुकाओ l
अब हाल ये है कि डीएम के यहाँ आवेदन पर सुनवाई शुरू भी नहीं हुई लेकिन कपड़ा व्यापारी पैसे के बल पर रोज पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों से सुलह समझौता का दबाव और जमीन कब्जा की धमकी भी दिलवा रहा है l उसके पक्ष में शहर के कई सूदी कारोबारी भी परोक्ष रूप से खड़े होने लगे हैंl,,,,,, क्रमशः
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