ऑपरेशन यमराज: एक ऐसा झोलाछाप जो दो जिले में चला रहा ट्रामा सेंटर
-उत्तर प्रदेश: आम जनजीवन से खेलने वाले झोलाछाप और नकली दवाओं की खपत में अव्वल है जौनपुर और बनारस l नकली दवाओं पर खुद की एमआरपी कराने वाले डॉक्टरों में भी शुमार हैं झोलाछापl
-जिलों के अफसरों से लेकर राजधानी में बैठे बड़े नौकरशाहों तक पहुँच रखते हैं झोलाछाप और दवाओं की जांच के जिम्मेदार लोग, पैथोलाजी केंद्रों की तरह बग़ैर लाइसेंस के चल रहे निजी अस्पतालों की भरमारl
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-कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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वाराणसी/जौनपुर/लखनऊ, (तहलका विशेष)l अब इंसान पौष्टिक भोजन से ज्यादा दवाओं पर निर्भर होने लगा है l किस अस्पताल में उसे इलाज कराना है और कहां उसे कौन- कौन सी जांच करानी है, यह सब दलाल तय कराते हैं l दलालों की संख्या प्रदेश के हर जिले में इंश्योरेंस के एजेंट से 50 गुना अधिक है l
यदि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर कदम पर पड़ताल की जाए तो प्रदेश में जौनपुर का स्थान पहले स्थान पर आयेगा l यहां एमएस,एमडी की डिग्री खरीदकर डेढ़ दशक से मरीजों की जान से गोटी खेलने वाला चिकित्सक है तो 'ओ टी' सहायक तकनीशियन सर्जन बनकर प्रसूता महिलाओं के पेट फाड़ रहे हैं l हाई स्कूल व इंटर फेल रेफरल सेंटर चला रहे हैंl डोनेशन वाले मेडिकल कॉलेज से पढ़कर आए कथित डॉक्टर झोलाछाप, मेडिकल दलालों और नकली दवाओं से आम आदमी को छींक आने पर भी इतनी जाँच करते हैं कि उसकी मनमाफिक रिपोर्ट से वह गम्भीर मरीजों की कतार में आकर भर्ती हो जाता है l
दवाओं की जांच हो या निजी अस्पतालों, पैथालॉजी केंद्रों के लाइसेंस अथवा झोलाछाप की जांच, इसकी जिम्मेदारी जिनके कन्धों पर है वही भयानक तरीके से लूटपाट में लिप्त हैंl इसमें आम आदमी की चमड़ी पैसे के लिए उधेड़ ली जा रही है l यहीं आकर मुख्यमन्त्री का आदेश भी दम तोड़ देता है l इस एपिशोड में जौनपुर के मडियाहूँ तहसील क्षेत्र के उस ट्रामा सेंटर की बानगी दी जा रही है जिसकी एक ब्रांच वाराणसी में भी संचालित है l
दिलचस्प तो ये है कि इसे चलाने वाला कभी एक डॉक्टर के यहां सहयोगी रहा है और ट्रामा सेंटर सेंटर खोलते ही वह एम डी, जनरल फीजीशियन- शुगर, ब्लड प्रेशर का विशेषज्ञ बन बैठा है l
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ऐसा ट्रामा सेंटर जहां हर मर्ज़ का होता है इलाज
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तहलका संवाददाता की पड़ताल के मुताबिक मडियाहूँ तहसील क्षेत्र के हर इलाके में झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार है लेकिन कठिरांव क्षेत्र में ट्रामा सेंटर चलाने वाला कथित एम डी, जनरल फिजीशियन हाल के वर्षों तक एक डॉक्टर के निजी अस्पताल में तकनीकी सहायक था l अब इसके यहां मरीजों की भीड़ लगी रहती है l क्योंकि यहां हर मर्ज़ का इलाज होता है l यह दीगर है कि पैनल में जिन डॉक्टरों का नाम होता है वह आन काल भी नहीं आते हैं, जो बैठते हैं उनकी भी डिग्री संदिग्ध है l यहां मरीजों को गंभीर बनाकर वाराणसी की ब्रांच में उसी तरह भेजा जाता है जैसे मालशॉप के कपड़े दूसरी ब्रांचों में बदलने से ग्राहक की नज़र में नयेपन का मुलम्मा चढ़ जाता हैl इसी तरह मरीजों और उनके तीमारदारों को लगता है कि उन्हें बड़े अस्पताल में भेजा गया हैजहाँ बड़े डॉक्टर इलाज करेंगे l वह ये नहीं समझ पाते हैं कि उनकी 'आर्थिक रूपी खाल' खुरचकर नोचने के लिए रेफर किया गया है l
दरअसल मरीजों को जुटाने के लिए यह कथित चिकित्सक व ट्रामा सेंटर संचालक हर महीने निः शुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर भी लगाता है, इसमें भी नकली दवाओं की खपत बढ़ा देता है l दीपावली के दौरान जिला मुख्यालयों की तरह इसने लगभग 10 क्विंटल मिठाई दलालों और अपने से जूनियर झोलाछाप आदि में वितरित किया, ताकि वह मोटे कमीशन पाने के लोभ में उत्साह से मरीजों को भेजते रहें l इसका बाकी विवरण अगले एपिशोड मेंl,,,,,,, क्रमशः
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