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 नेता बनने आये कथित लक्ष्मी पुत्र को पुरोहित गैंग ने बना दिया संन्यासी

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-पुरोहित गैंग का लीडर कथित पत्रकार करता है आधा दर्जन धंधे, फ़िर भी मसाज पार्लर में है पार्टनर, नेताओं को दिखाता है सपने, अधिकारियों को करता है ब्लैकमेल, पास करा लेता है फ्लैक्स लगाने का टेंडरl

-पुरोहित गैंग में शामिल हैं पूर्वांचल विवि के कुछ कथित हमजातीय शिक्षक, रात में गोपनीय स्थानों पर होती है इनकी बैठक, उसमें रकम पैदा करने की योजना पर होता है मंथनl

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-कैलाश सिंह-

विशेष संवाददाता

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वाराणसी/ जौनपुर, (तहलका/ डान एक्सप्रेस विशेष)l पूर्वांचल में जौनपुर ऐसा जनपद है जहां प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक अपने वेतन का तिहाई हिस्सा शिक्षा विभाग के अफ़सरों को देकर साल के बारहो महीने अपनी हाजिरी स्कूल में बनाए रखते हैं l इसके बदले वह दूसरे धंधों में मशगूल रहकर करोड़ों पीटते हैं l इस रिपोर्ट में जिस पुरोहित गैंग का जिक्र किया जा रहा है उसका लीडर कथित पत्रकार, नेता बनने आये कई लक्ष्मी पुत्रों की जेब साफ़ करके वापस भेज दिया, लेकिन एक व्यक्ति की संपत्ति को बाज़ नज़र से तरासते हुए उन्हें धर्म के रास्ते से नेता बनने का सपना दिखाकर  संन्यास मार्ग पर डाल दिया है l 

दरअसल यही कथित पत्रकार व शिक्षक 'पुरोहित गैंग' का मास्टर माइंड लीडर है l सबसे पहले उसने एक न्यूज एजेंसी में खुद को पत्रकार बनने का तमगा हासिल किया l इसके जरिए इसने प्राथमिक विद्यालय में बिना  गए अपनी हाजिरी लगवानी शुरू कीl जब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा विभाग पर सख्ती की तो इसने अपनी 'गणित' से वेतन का एक तिहाई हिस्सा शिक्षा विभाग के अफ़सरों को देना शुरू किया और खुद नेताओं के होर्डिंग, बैनर लगाने के लिए 'फ्लैक्स प्रिंटिंग मशीन' की दुकान खोल ली l इसके बाद दबाव बनाकर विजातीय अफ़सरों को अपने पाले में करना शुरू किया, हमजातीय तो पहले से ही उसकी गैंग का हिस्सा होते हैं l

नगरपालिका समेत प्रशासन से होर्डिंग वाले अधिकतर टेंडर इसी को मिलते हैं l यह अलग मसला है कि जिस नेता के इसने होर्डिंग बैनर बनाए वह कभी जीत नहीं पाया, लेकिन उन नेताओं के विज्ञापनों का निर्धारण  इसी गैंग के मेम्बर करते या कराते हैं l यह हमजातीय पुलिस- प्राशासनिक अफ़सरों और सूदखोरों को भी गैंग का मेम्बर बना लेता है l विजातीय उन कथित पत्रकारों को भी दलाली के धंधे में जोड़े रखता है जो शिक्षा या अन्य व्यवसाय से जुड़े हैं, ताकि उन्हें पेश करके नेताओं को नए सपने दिखा सकेl इसी तरह के सपने में एक पूर्व नेता आज़ भी झूल रहे हैं जबकि दूसरे नेता जो सत्ताधारी दल में हैं लेकिन उन्हें पार्टी के लोग किसी कार्यक्रम में पूछते ही नहीं हैं l 

दो दशक से शासन से लेकर प्रशासन तक कोई पूछने वाला नहीं है कि कथित पत्रकार बना शिक्षक किस आधार पर स्कूल में पढ़ाए बिना वेतन ले रहा है और तमाम 'सही- गलत' धंधों का मुखिया बना बैठा है l इसी तरह के मामलों में यूपी की नौकरशाही मुख्यमन्त्री की मंशा के विपरीत लीन रहती है l सीएम योगी के तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश के हर सरकारी विभाग में सुविधा शुल्क सिर चढ़कर बोल रहा है, यानी बिना पैसे के आमजन की सुनवाई कहीं नहीं है l

इस कथानक का दिलचस्प पहलू देखिए: मसाज पार्लर संचालक जो धार्मिक कार्यक्रमों में पुरोहित बनता है वह दरअसल ट्रैवल एजेंसी संचालन से पूर्व जुआ और सूदखोरी के धंधे करता था l तीन दशक पूर्व तक जौनपुर समेत पूर्वांचल में यही मुख्य धंधा था l अब उसी कमाई से तमाम लोग सफेदपोश और उद्यमी बनके घूम रहे हैं l मालशॉप संस्कृति आने के बाद से कुछ व्यवसायी फ़िर इसी धंधे से कमाई कर रहे हैं l कथित पुरोहित के लिए यह धंधा 'सिर मुड़ाते ही ओले पड़े' वाला साबित हुआ, यानी उसे पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया l छूटने के बाद 'कथित पत्रकार, शिक्षक' की शरण में पहुंचा तो उसे हमजातीय होने का फ़ायदा मिला, तब दोनों ने मिलकर 'गरम गोश्त' का धंधा करने के लिए 'मसाज पार्लर' खोला l 

इस पुरोहित गैंग ने सबसे पहले उन्हें ट्रैप करना शुरू किया जो मसाज लेने के लिए बैंकाक व थाईलैंड जाते रहने का शौक रखते हैं l इसके बाद इस गैंग ने उन होटलों को तलाशा जो हर घंटे की बुकिंग पर चलते हैं और पुलिस को रोज दिहाड़ी देकर थक चुके हैं l इस पर विस्तृत रिपोर्ट अगली कड़ी में मिलेगी, उसके साथ भू- माफ़िया पर भी तफ़्सील से विवरण मिलेगा l,,,,,,,, क्रमशः


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