नये शासनादेश से बेसिक शिक्षा माफ़िया के होश फाख्ता!
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-दूसरे धंधे में लगे शिक्षक अफ़सरों की परिक्रमा कर रहे, पुरोहित गैंग का एक मेंबर स्कूल जाने की बजाय चला रहा अस्थाई फास्ट फूड रेस्टोरेंटl
-नगर पालिका में एक साल के टेंडर को 11 साल करने वाले पुरोहित गैंग लीडर ने लोहिया पार्क के गेट पर खानपान का बेनामी ठेका भी चला रहाl
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-कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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वाराणसी/ जौनपुर/लखनऊ, (तहलका 24x7/ डान एक्सप्रेस)l प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की शत प्रतिशत हाजिरी सुनिश्चित करके बच्चों के असली नामांकन की उम्मीद में राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के लिए हाल ही में नया शासनादेश तो जारी कर दिया है लेकिन यह लागू कैसे हो? इसे लेकर जिम्मेदार बनाए गए बीएसए, बीइओ और प्रधानाध्यापक को पसीने छूट रहे हैं l तीनों एक- दूसरे के पाले में गेंद डालकर मलाई भी काटने के चक्कर में लगे हैं l इस एपिशोड में बानगी तो जौनपुर जिले की दी जा रही है लेकिन कमोबेश प्रदेश के सभी जिलों की स्थिति ऐसी ही है l हर जिले में सैकड़ों शिक्षक स्कूल जाने की बजाय दूसरे धंधों में लगे हैं l बेहतर पढ़ाई न होने के चलते लोग अपने बच्चों को कथित 'हिंग्लिश(इंग्लिश)' स्कूलों में भेजने को विवश हैं l अधिकतर प्राइमरी स्कूलों की हालत ये है कि उनमें पंजीकृत छात्रों की संख्या मिड डे मील खाने के नाम पर जो दिखती है वह कथित इंग्लिश स्कूलों की होती है या फ़िर कागजी बाज़ीगरी से उन्हें दर्शाया जाता है l इसी तरह किताब, कॉपी, बस्ता में भी खेल चलता है l
जौनपुर जनपद को उदाहरण के तौर पर देखें तो यहां के ज्यादातर विद्यालयों में पढ़ाई छोड़ बाकी सारे तिकड़म होते हैंl पिछले एक एपिशोड में मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र के एक विद्यालय के बगल में वहीं के एक शिक्षक ने अपना निजी स्कूल खोल रखा हैl यहीं के छात्र प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील समेत सभी सरकारी लाभ लेते हैं लेकिन फीस निजी स्कूल में देते हैं l सरकारी स्कूल में बग़ैर गए जुगाड़ वाली हाजिरी देने वाले शिक्षक इसी तहसील क्षेत्र के ज्यादा हैं जो पुरोहित गैंग के लीडर के पदचिन्हों पर चलते हुए दूसरे धंधे करते हैंl तमाम तो सफाई कर्मियों के फार्मूले पर अपने वेतन का कुछ हिस्सा देकर स्कूल जाने की जहमत से मुक्त रहते हैं l इस रिपोर्ट के साथ नया शासनादेश भी संलग्न है जिसे गैर शिक्षक भी पढ़कर समझ सकते हैं कि प्रदेश सरकार शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिए कितनी फ़िक्रमंद है, लेकिन नौकरशाही का निचला पायदान उसे सुविधा शुल्क के धुएं में किस कदर उड़ा रहा है, इसे भी समझा जा सकता है lअब दशकों से पड़ी आदत तो नहीं सुधरने वाली है, सरकार चाहे जितना छटपटाए!
जौनपुर का पुरोहित गैंग दरअसल मल्टी स्पेशीयलिटी वाला हैl इसका लीडर वर्ष 1999 से स्कूल गए बग़ैर शिक्षक है l इसके नाम अब तक पांच बार निलम्बन और संबद्धता के रिकॉर्ड हैं l इसने नगर निकाय के विज्ञापन साइट के एक साल के लिए मिले टेंडर को 11 साल करने का कारनामा भी किया है l इसकी कुल 33 विज्ञापन साइट है l इसकी फ्लैक्स प्रिंटिंग मशीन वाली कंपनी है l इसने एक न्यूज एजेंसी से पत्रकार का तमगा लेकर खुद एक पत्रकार संघ का पदाधिकारी भी बना हैl इस संघ का अध्यक्ष तो जेल रिटर्न हैl इस गैंग में तमाम 'नगीने' हैं जो अपने कथित धंधों में माहिर हैंl
पुरोहित गैंग का लीडर आनलाइन बुकिंग वाले मसाज पार्लर का बेनामी मालिक होने के साथ इसने शहर के लोहिया पार्क गेट पर लगने वाले फास्ट फूड वाली दुकानों का टेंडर भी बेनामी लिया है l यहां के एक बड़े अस्थाई फास्ट फूड रेस्टोरेंट का संचालन अपने ही गैंग के उस मेंबर को दे रखा है जो खुद भी प्राथमिक विद्यालय का कथित शिक्षक है l यह दीगर है कि वह भी विद्यालय नहीं जाता है पर स्कूल में उसकी हाजिरी पक्की रहती हैl,,,,,,, क्रमशः
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