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 ऑपरेशन यमराज: डेंगू के नाम पर खेल, स्वास्थ्य के क्षेत्र पर झोलाछाप का कब्जा

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-बानगी: एक अधिवक्ता के युवा पुत्र की जिला अस्पताल में हुई जांच तो प्लेटलेट्स आया एक लाख 32 हजार, जब नईगंज के एक निजी अस्पताल में पहुंचे तो यही प्लेटलेट्स घटकर '32 हजार रह गई तो परिजनों का रक्तचाप बढ़ गयाl

-जौनपुर में नकली और प्रतिबन्धित दवाओं की बिक्री तोड़ रही रिकॉर्ड, ग़ैर लाइसेंसी निजी अस्पतालों में फ़र्जी डिग्री वाले डॉक्टर को जांचने वाले 'डिप्टी साहब'और डेढ़ हजार से अधिक मेडिकल स्टोर्स की जाँच का जिम्मा सम्भालने वाला औषधि विभाग का मुखिया भी वसूली के लिए रेफरी बना l

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-कैलाश सिंह-

विशेष संवाददाता

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लखनऊ/वाराणसी/जौनपुर, (तहलका/डान एक्सप्रेस विशेष)l पिछले महीने जब से मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ झोलाछाप के खिलाफ़ सख्त कदम उठाने का आदेश जारी किए हैं तब से प्रदेश भर के स्वास्थ्य विभाग में बचाव के लिए लगी होड़ से हड़कम्प है l यह रिपोर्ट बानगी है l इसमें फर्जी डिग्री वाले दो डॉक्टरों में एक वाराणसी और जौनपुर में ट्रामा सेंटर चलाता है, दूसरा जौनपुर का है, जिनकी पहचान के स्पष्ट संकेत दिए जा रहे हैं, साथ में डेढ़ हजार से अधिक मेडिकल स्टोर्स जौनपुर में हैं जिसमें नकली और प्रतिबन्धित दवाएं धड़ल्ले से बिक रही हैं, उसका रेफरी वही बना है जिसके कन्धे पर जांच की जिम्मेदारी है l रहा सवाल झोलाछाप का तो उसकी बानगी कदम- कदम पर प्रदेश भर में है, जिसे बचाने में स्वास्थ्य विभाग के कथित डिप्टी साहब लगे हैं l वह जांच के नाम पर करते हैं निरीक्षण और नाम देते हैं छापामार का l

हाल ही में जौनपुर के शाहगंज में  चले निरीक्षण अभियान में प्रशासनिक महकमा भी साथ में था, निरीक्षण में सभी नर्सिंग होम गैर लाइसेंसी मिले तो उन्हें एक पखवाड़े का समय लाइसेंस बनवाने को दिया गया, लेकिन तकनीशियन से लेकर तमाम स्टाफ की योग्यता और मेडिकल स्टोर्स की जांच नहीं की गईl इतना ही नहीं, फर्जी डिग्री वालों की भी परख नहीं की गई l यही हाल केराकत तहसील क्षेत्र का हैl यहां प्रदेश की राजधानी तक रसूख रखने वाले निजी अस्पतालों के संचालकों तक यह जांच टीम नहीं फटकती है l 

स्टेशन रोड पर हाई स्कूल फेल रेफरल सेंटर चलाने वाले जो जौनपुर, वाराणसी, लखनऊ, आजमगढ़ तक मरीजों को मोटे कमीशन के लिए भेजते हैं वे आज भी बिंदास अपनी दूकान चला रहे हैं l मडीयाहूँ तहसील के फर्जी डिग्री वाले तो वाराणसी में भी अपनी ब्रांच ट्रॉमा सेंटर के नाम पर चला रहे हैं l यहाँ की बानगी हमारी टीम के तेज रिपोर्टर 'नरेंद्र सिंह' दे रहे हैं, ये पूर्वांचल के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की पड़ताल में लगे हैं l 

जब जनपद मुख्यालय के नईगंज में कथित तकनीशियन प्रसूता महिलाओं के फाड़कर उसका वीडियो जारी करके सफल ऑपरेशन का नाम देते हुए अपने चलते- फिरते अस्पताल को सुर्खियों में लाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं तो प्रदेश भर में 'झोलाछाप' की ताकत, पहुँच का अनुमान सहज लगाया जा सकता हैl नकली दवाओं की बिक्री का आलम ये है कि लोग ब्रांडेड दवाओं को भूलने लगे हैं l

ये ताजी बानगी है: जौनपुर के राजकीय अस्पताल में दीवानी न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता का युवा पुत्र डेंगू की चपेट में आया, इसका खुलासा जिला अस्पताल में जांच से हुआ लेकिन जब प्लेटलेट्स काउंट एक लाख 32 हजार आया तो परिजनों की चिंता बढ़ गई l युवक बाइक भी चला रहा फ़िर भी घर वाले उसे नईगंज के एक अस्पताल में ले गए तो यहां जांच में प्लेटलेट्स काउंट मात्र 32 हजार आया तो परिजनों के होश फाख्ता हो गए, फ़िर पलटकर वे जिला अस्पताल पहुंचे तब उनके बढ़े रक्तचाप नार्मल हुए क्योंकि यहां अशोक यादव जैसे अच्छे व योग्य डॉक्टर जो हैं l इस तरह प्लेटलेट्स घटाकर लोगों को झोलाछाप डराते हैं l आमजन को सरकारी अस्पतालों पर भरोसा है, लेकिन वहाँ लगे दलाल पैसे के चक्कर में उस भरोसे को तोड़ देते हैं, हालाँकि उन दलालों में वहां के कुछ डॉक्टर और अधिकतर स्टाफ भी शामिल होता है l इनके भी अपने निजी अस्पताल हैं जहां मरीजों को रेफर करते हैं या कमीशन के चक्कर में दूसरे अस्पतालों में भेजते हैं l

अब फ़र्जी डिग्री वाले 'एम डी' का थोड़ा और हाल जानिए l जौनपुर  शहर के पालिटेक्निक चौराहा जो गोरखपुर - प्रयागराज फोरलेन पर हैl यही चौराहा लुम्बिनी- दुद्धी मार्ग को जोड़ता है l इसी चौराहे से महज तीन सौ मीटर के दायरे में कई अस्पताल हैं, उन्हीं में से एक में एक दशक तक बिना डिग्री के प्रैक्टिस करने वाले कथित डॉक्टर ने कोरोना काल में जब असम, छत्तीसगढ़, बिहार तक फैले गैंग से 35 लाख में एमडी की डिग्री खरीद ली तो उसने पहली पत्नी से तलाक़ लेकर बीएचयू की वेल क्वालीफाइड उस महिला डॉक्टर से विवाह किया जिसका खुद के पति से तलाक़ हो गया था l अब उसी के नाम से खोले गए अस्पताल में ये फ़र्जी डिग्री वाला रोज सैकड़ों मरीजों को नकली दवाओं का सेवन करा रहा है l इसका और विस्तृत विवरण अगली कड़ी में मिलेगा l

पूर्वांचल संवाददाता नरेंद्र सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक बिना डिग्री वाला एक डॉक्टर कमरुद्दीनपुर जौनपुर में और पहली ब्रांच काठीरांव (बैंक ऑफ बड़ौदा के निकट) संचालित करता है l खुद को बोर्ड पर बीएएमएस एम डी, शुगर व ब्लड प्रेशर रोग विशेषज्ञ लिखा हैl पैनल में अन्य डॉक्टरों के भी नाम लिखा है, लेकिन वे आन काल न तो आते हैं और न ही उनके पास कोई डिग्री हैl यह खुद को बड़े डॉक्टर के नाम पर मशहूर किया है l मरीजों को मालशॉप वाले कपड़े की तरह दोनों ब्रांच में बदलता रहता है l गम्भीर होने पर अन्य अस्पतालों या एसपीजीआई तक रेफर करके अपनी जान छुड़ाता है लेकिन तब तक वह मरीजों के परिजनों से लाखों निचोड़ चुका होता है l यह दोनों जिलों के सरकारी स्वास्थ्य महकमे को पटाए रखता है यानी ईमानदारी से उन्हें हफ़्ता, महीना का लिफ़ाफ़ा पहुंचाता रहता हैl,,,,,, क्रमशः

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