जौनपुर के पुरोहित गैंग का बड़ा घोटला सामने आया, सरगना के बचाव में लगे एक 'माननीय'!
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-देखिए, पुरोहित गैंग के सरगना का पोर्टफोलियो: कथित पत्रकार, प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक, फ्लैक्स प्रिंटिंग कम्पनी का निदेशक, हमजातीय संगठन का साइलेंट राष्ट्रीय अध्यक्ष, मसाज पार्लर का चेयरमैन, धनिकों को नेता बनाने का कांट्रैक्टर , अधिकारियों का मैनेजर और शातिर भू- माफियाl
-इस मल्टी स्पेशलिटी लीडर ने प्रदेश सरकार के राजस्व को लगाया लाखों का चूना, कागजी हेराफेरी में फ्लैक्स होर्डिंग लगाने को नगर पालिका से मिले एक साल के टेंडर को बना दिया 11 साल, इस अजूबे घोटाले का खुलासा होने पर पूर्व डीएम ने कमेटी गठित कर जांच शुरू करा दी,एक माननीय बचाव में लगे l
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-कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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वाराणसी/जौनपुर, (तहलका 24x7/ डान एक्सप्रेस विशेष)l उत्तर प्रदेश में एक हैरतअंगेज घोटाला(स्कैम) सामने आया हैl इसमें कथित 'पुरोहित गैंग' का लीडर ही अपने शातिराना चाल में फंसा हैl उसके धंधे तो बेशुमार हैं लेकिन वह पिछले तीन साल पूर्व से नगर पालिका के आमदनी के मुख्य स्रोत विज्ञापन के लिए आमन्त्रित टेंडर को एक साल के लिए हासिल कर लिया तो उसमें कागजी हेराफेरी से उसे '11 साल' करा लिया l इसका खुलासा चार माह पूर्व उसके प्रति स्पर्धियों ने कराया तो नगर पालिका कर्मियों में हड़कम्प मच गया l शिकायत मिलने के बाद तत्कालीन डीएम ने जांच टीम गठित कर दी, लेकिन रिपोर्ट मिलने से पहले उस डीएम का तबादला हो गया l
दरअसल ये हेराफेरी तीन साल पूर्व की है l इसमें फंसा शातिर खिलाड़ी पुरोहित गैंग का लीडर हैl यह गैंग बैंकाक और थाईलैंड की तर्ज पर जौनपुर शहर के वाजिदपुर में गोरखपुर- प्रयागराज फोरलेन पर मसाज पार्लर चलाता है l इसी के जरिए 'नेता बनने का शौक रखने वालों' को यह गिरोह मुंबई से बाबतपुर एयरपोर्ट तक ट्रैप करके उन्हें इसी पार्लर में लाकर उनकी थकान मिटाने के दौरान 'ब्रेन वॉश' ऐसा कर देता है कि वह धनिक 'गैंग' के मेंबरों की ही नज़र से देखता और सुनता है l मसाज पार्लर को संचालित करने वाला तो पुराना सूदखोर, जुआरी और ट्रैवल चलाने का अनुभवी हैl उसने ट्रैवल की टैक्सियों को काल गर्ल और ग्राहकों को होटलों तक ढोने में लगा रखा है l
अब घोटाले का दिलचस्प पहलू जानिए- हुआ यह कि तीन साल पूर्व नगर पालिका से शहर में होर्डिंग, बैनर, पोस्टर लगाने का टेंडर निकला जो अमूमन हर साल बढ़ी कीमत पर निकलता हैl पुरोहित गैंग का लीडर जो दो दशक से प्राथमिक विद्यालय गए बग़ैर वेतन उठा रहा है, उसने फ्लैक्स प्रिंटिंग की कम्पनी खोल रखी है l अपने कथित पत्रकार वाले तमगे से नगर पालिका अफसरों, कर्मियों को प्रभाव में लेकर उसने एक साल के लिए टेंडर हासिल कर लियाl उसके सामने जो प्रतिस्पर्धा में कई और फ्लैक्स वाले लगे थे, उनमें भी कुछ कथित पत्रकार थे, लेकिन उन्हें टेंडर नहीं मिला तो वे सोचे अगली बार फ़िर भरेंगे, परंतु अगला साल आने का नाम ही नहीं आया तो वे कारण खोजे जिसमें खुलासा हुआ कि टेंडर तो 11 साल के लिए एक ही व्यक्ति को मिल चुका है l उसकी नियमावली खोजी गई तो विभाग में जिनके गले फंस रहे थे उनके होश उड़ गए l
इसके बाद शिकायय पर तत्कालीन डीएम ने जांच कमेटी गठित कर दी, कमेटी की रिपोर्ट मिलने से पूर्व डीएम बदल गए l
अब नए डीएम के सामने मामला पहुंचा तो बचाव में एक विधायक जो घपलेबाज के हमजातीय एवं गैंग के वीआईपी मेंबर हैं, वह जांच रिपोर्ट को प्रभावित करके गैंग लीडर के बचाव में लग गए l वह डीएम से आरोपी को बचाने की सिफारिश में लगे हैं l मामला लेनदेन से सलटाने की कोशिश जारी है लेकिन शिकायत कर्ताओं में से किसी ने मामले को प्रदेश की राजधानी तक पहुंचा दिया हैl,,,,,, क्रमशः
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